Citrine Gemstone Supplier in Satna, Citrine Gemstone in Satna
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Citrine - Sunela in Satna
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सुनेला - हिंदी में इसे सुनेला के नाम से जाना जाता है , इस रत्न के बारे मैं अधिकतर लोगो को पता है की इसे पुखराज के बदले मैं अंगूठी मैं पहना जाता है , इसे बृहस्पति गृह की शुभता के लिए धारण किया जाता है। परन्तु इसके अलावा इस पत्थर की कच्चे टुकड़ो को वास्तु अनुसार भी इस्तेमाल करना बहुत शुभ होता है , इसके प्राकृतिक गुणों की वजह से इस रत्न से विद्या , ज्ञान, शांति , मानसिक शांति , धन ,स्वस्थ्य ,विवाहिक सम्बन्धो की मजबूती , संतान सुख , नजर दोष सुरक्षा के लिए भी इस्तेमाल किया जाता है ,यह रत्न पिले रंग की आभा लिए बहुत सूंदर रंग बिखेरता है ,इसमें बृहस्पति गृह के समस्त गुण विद्यमान होते है , जिस प्रकार ज्योतिष में बृहस्पति को ज्ञान, धन,संतान, विवाह का कारक मन गया है उसी प्रकार सुनेला भी इन सभी गुणों के प्रभाव को बढ़ाने का सामर्थ्य रखता है , सूर्य की किरणों से सम्बन्ध करके यह बहुत शुभ फल देता है ,इसके टुकड़ो को मेज के मध्य , पढ़ने की मेज पर , व्यापर स्थल पर ,बैडरूम , भोजन कक्ष ,उत्तर , उत्तर पूर्व , पूर्व दिशाओं के दोषों को सुधारने के लिए इस्तेमाल होता है। इस रत्न से कुण्डलनी के स्वाधिष्ठान चक्र व मणिपुर चक्र को जाग्रत करने में मदद मिलती है।
स्वाधिष्ठान चक्र लिंग मूल में है । उसकी छ: पंखुरियाँ हैं । इसके जाग्रत होने पर क्रूरता,गर्व, आलस्य, प्रमाद, अवज्ञा, अविश्वास आदि दुर्गणों का नाश होता है ।
मणिपूर चक्र - नाभि में दस दल वाला मणिचूर चक्र है । यह प्रसुप्त पड़ा रहे तो तृष्णा, ईष्र्या, चुगली, लज्जा, भय, घृणा, मोह, आदि कषाय-कल्मष मन में लड़ जमाये पड़े रहते हैं ।इस रत्न के अंगूठी मैं पहनने , वास्तु अनुसार उपयोग करने , और अन्य लाभ प्राप्त करने के लिए हमसे सलाह लेकर प्राप्त करें